अहंकार में आदमी फूल सकता है, फल नहीं सकता। Premchand
जब कोई बात हमारी आशा के, विरुद्ध हो तभी दुख होता है। Premchand
आशा तो बड़ी चीज है और फिर बच्चों की, आशा उनकी कल्पना तो राई को, पर्वत बना देती है। Premchand
आशा ही संसार की, संचालन शक्ति है। Premchand
दूसरे की स्त्री से अनुचित संबंध, से बड़ा पाप दूसरा कोई नहीं है। Premchand
जब हम कोई कार्य करने की इच्छा, करते हैं, तो शक्ति अपने आप, ही आ जाती है। Premachand
जीवन के लिए खाना और सोना जरूरी है, लेकिन जीवन कार्य और लगन, से सफल होता है। Premchand
जहां नम्रता से काम हो जाए वहां, उग्रता नहीं दिखानी चाहिए। Premchand
जब कोई बुरी घटना घटने वाली होती है, तो उसके पहले बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। Premchand
घर का प्रेम नारी, का जीवन है। Premchand
कन्यादान ने करने वाले का, जन्म व्यर्थ चला जाता है। Premchand
जिस घर में कोई नहीं रहता उसमें, चमगादड़ बसेरा कर लेते हैं। Premchand
जिसमें दया नहीं, धर्म नहीं ,निज भाषा से, प्रेम नहीं ,चरित्र नहीं ,आत्म बल नहीं है, वह भी कोई आदमी है | Premchand
स्वभाव सबका अलग अलग होता है, ना किसी के बनाने से बनता है, ना बिगाड़ने से बिगड़ता है। Premachand
मनुष्य के स्वभाव पर उसका, भविष्य निर्भर करता है। Premachand
दया व्यक्ति का, स्वाभाविक गुण है। Premchand
कोई व्यक्ति अचानक स्वभाव, के विपरीत आचरण करें, तब शंका कीजिए। Premchand
स्वभाव व्यक्ति को जन्म से मिलता है, और शिक्षा तथा संगति से उसे, सुधारा जा सकता है। Premchand
अपनी प्रशंसा सुनकर हम इतने मतवाले हो, जाते हैं कि फिर हममें विवेक की शक्ति भी, लुप्त हो जाती है बड़े से बड़ा महात्मा भी, अपनी प्रशंसा सुनकर फूल उठता है। Premchand
संसार में सबसे बड़ा अधिकार सेवा, और समर्पण से प्राप्त होता है। Premchand